Thursday, 29 December 2016

एक मिनट में गायब मोबाइल खोजने का तरीका

ऐसे 1 मिनट में ढूढ़ें अपना खोया हुआ स्मार्टफोन

अगर आपका स्मार्टफोन खो गया है या चोरी हो गया है तो निराश ना हों, क्योंकि न्यूज 24 आपको बताएंगा कि किस तरह से आप एक ट्रिक से सिर्फ कुछ ही मिनटों में अपने फोन को फिर से वापस पा सकते हैं। गूगल ने एक ऐसा फीचर बनाया है, जिससे आप सिर्फ 1 मिनट में बेहद आसानी से अपना फोन ढूंढ सकते है।
ये है ढूंढने का तरीका...

STEP-1: सबसे पहले गूगल का होम पेज खोलिए। यहां पर उस गूगल अकाउंट आईडी से साइन इन कीजिए, जो आपने अपने ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन में रजिस्टर किया है।

STEP-2: इसके बाद गूगल होमपेज की सर्च बार पर टाइप करके सर्च कीजिए – ‘Whare’s my phone?’ जैसे ही आप यह सर्च करेंगे, आपके सामने एक मैप खुल जाएगा।

STEP-3: इस मैप में कुछ ही देर में आपको अपने फोन की लोकेशन दिख जाएगी। गूगल आपके स्मार्टफोन की लोकेशन ट्रेस करेगा और बताएगा कि वह कहां है।

STEP-4: अगर आप किसी और जगह से होकर आए हों और याद न आ रहा हो कि फोन वहां छूट गया या कहीं और, ऐसे में यह फीचर बड़े काम का है। आपको फोन की लोकेशन दिख जाएगी कि वह कहां पर है। इसलिए आप सही जगह पर उसे तलाश कर सकते हैं। जब आपको लोकेशन पता चल जाए, तब वहां जाकर अगला कदम उठाएं।

STEP-5: अगर आप फोन को घर पर ही कहीं रखकर भूल गए हैं आसपास कहीं गिर गया है तो आप इसे फुल वॉल्यूम पर रिंग करवा सकते हैं। अगर आपने फोन सायलेंट मोड पर भी रखा होगा, तब भी यह फीचर काम करेगा। बस बैटरी खत्म नहीं होनी चाहिए। रिंग करने का ऑप्शन आपको मैप के नीचे दिखेगा।

Thursday, 22 December 2016

INCOME APPS

अपने स्‍मार्टफोन से आप न सिर्फ सोशल मीडिया और देश व दुनिया से जुड़ सकते हैं, बल्कि इससे आप हर महीने अच्‍छी इनकम भी हासिल कर सकते हैं। इसके लिए आपको न अपनी जॉब छोड़ने की जरूरत है और न ही कुछ ज्‍यादा एक्‍स्‍ट्रा एफर्ट्स करने की। एक्‍स्‍ट्रा कमाई के लिए आपको अपने स्‍मार्टफोन में कुछ ऐप्‍स डाउनलोड करनी हैं। इन ऐप का इस्‍तेमाल करने से ही आप कमाई कर सकते हैं। ऐप स्‍टोर में कई ऐसे ऐप्‍स उपलब्‍ध हैं, जिनके जरिए आप अच्‍छी इनकम कमा सकते हैं। ऐसा नहीं है कि इन ऐप्‍स पर आपको कोई उभा देने वाला काम करना है। ये ऐप टीवी देखने, एक्‍सरसाइज करने और फोटोज खींचने के लिए आपको पैसे देते हैं। ये सारी ऐप्‍स एंड्रायड प्‍लैटफॉर्म पर मौजूद हैं। आगे जानिए ऐसी 7 ऐप्‍स के बारे में,जिन्‍हें अपने स्‍मार्टफोन में डाउनलोड कर आप हर महीने अच्‍छी इनकम कमा सकते हैं। इसके साथ ही जानिए कि कैसे आप ऐप से होने वाली कमाई को बढ़ा सकते हैं। स्‍क्‍वाड्रन ऐप – स्‍क्‍वाड्रन तरीका – टास्‍क कंपलीट कर होगी कमाई अगर आपको अलग-अलग चीजें करने में मजा आता है, तो स्‍क्‍वाड्रन ऐप डाउनलोड करना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। इस ऐप में अलग-अलग टास्‍क को पूरा करना होता है। जितने टास्‍क आप पूरे करेंगे, उतने क्‍वाडक्‍वाइंस आपके अकाउंट में एड हो जाएंगे। ज्‍वाइन करते ही आपको इस ऐप से 600 प्‍वाइंट्स हासिल होते हैं। अपने फ्री टाइम में टास्‍क कंप्‍लीट कर आप प्‍वाइंट्स कमा सकते हैं और फिर इन्‍हें पेटीएम और पेयूमनी मोबाइल वॉलेट के जरिए इनकैश करवा सकते हैं या अपने अकाउंट में भिजवा सकते हैं।

विगल ऐप – विगल तरीका – टीवी देखकर और म्‍यूजिक सुनकर करें कमाई अगर आप गेस नहीं कर सकते तो आप मैच व टीवी देखकर कमाई कर सकते हैं। इसके लिए विगल सबसे बेहतर ऑप्‍शन है। इस ऐप पर टीवी शोज देखकर और म्‍यूजिक सुनकर आप कमाई कर सकते हैं। जितनी बार आप इस ऐप पर कोई शो देखेंगे या म्‍यूजिक सुनेंगे, उतनी ही बार आप रिवॉर्ड प्‍वाइंट्स भी हासिल करेंगे। इसके अलावा आप विगल लाइव पर कुछ प्रश्‍नों का जवाब देकर व पोल्‍स में हिस्‍सा लेकर भी रिवॉर्ड हासिल कर सकते हैं। बाद में इन रिवॉर्ड प्‍वाइंट्स को आप गिफ्ट कार्ड के तौर पर रिडीम कर सकते हैं।
ईएसपीएन स्‍ट्रीक फॉर द कैश ऐप – ईएसपीएन स्‍ट्रीक फॉर द कैश तरीका – गेस करो और होगी मोटी कमाई एंड्रायड और आईओएस प्‍लैटफॉर्म पर उपलब्‍ध ईएसपीएन स्‍ट्रीक फॉर द कैश ऐप आपको सालाना लाखों रुपए की कमाई करवा सकती है। बस इसके लिए जरूरी है कि आपकी गेसिंग पावर स्‍ट्रॉन्‍ग हो। यह ऐप लॉटरी की तरह है। यहां आपको गेस करना होता है कि किसी स्‍पोर्ट्स इवेंट में किसकी जीत होगी और कौन हारेगा। हर हफ्ते ऐप पर नए गेम्‍स और स्‍पोर्ट्स के बारे में गेस करना होता है। अगर आपके गेस सही निकला, तो सालभर में आप 10 लाख रुपए से ज्‍यादा की कमाई कर सकेंगे। इसके लिए आपकी गेसिंग पावर जितनी स्‍ट्रॉन्‍ग होगी, उतने ज्‍यादा ही आप जीत के करीब होंगे।

स्‍कूपशॉट ऐप – स्‍कूपशॉट तरीका – फोटो खींचकर कीजिए कमाई अपने स्‍मार्टफोन और फोटो खींचने के शौक का सही इस्‍तेमाल कर भी आप कमाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने स्‍मार्टफोन पर स्‍कूपशॉट ऐप डाउनलोड करना होगा। इस ऐप के जरिए आपको अपने एरिया में हो रही इवेंट्स की फोटोज खींचनी होगी और इन फोटोज को इस ऐप पर भेजना होगा। आपकी तरफ से भेजे गए फोटोज का इस्‍तेमाल मीडिया हाउस और जर्नलिस्‍ट व अन्‍य उद्देश्‍यों के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा। इसके बदले आपकी कमाई होगी।
मूकैश ऐप – मूकैश तरीका – महज स्‍वाइप करने से होगी कमाई एंड्रायड सेलफोन और टैबलेट के लॉक स्‍क्रीन का इस्‍तेमाल कर भी आप कमाई कर सकते हैं। इसके लिए मूकैश सबसे बेहतर ऐप है। यह एक स्‍क्रीन लॉक करने का ऐप है। जितनी भी बार आप अपने स्‍क्रीन को अनलॉक करेंगे, आपके अकाउंट में प्‍वाइंट्स जुड़ते जाएंगे। इस ऐप पर 2 हजार प्‍वाइंट्स होने पर आप 120 रुपए से ज्‍यादा की अर्निंग कर सकते हैं। इसे आप पेपल अकाउंट और गूगल रिवॉर्ड कार्ड के जरिए इनकैश करवा सकते हैं। आगे जानिए – अगली ऐप के बारे में अर्न मनी ऐप – अर्न मनी तरीका – ऐप डाउनलोड कर करें कमाई अर्न मनी एक ऐसा ऐप है,जो आपको ऐप्‍स डाउनलोड कर कमाई करने का मौका देता है। इसमें आप वीडियो देखकर और सर्वे में हिस्‍सा लेकर भी कमाई कर सकते हैं। हालांकि इस ऐप से कमाई करने के लिए आपके मोबाइल पर इंटरनेट डेटा की स्‍पीड अच्‍छी होनी चाहिए। तब ही आप ऐप्‍स को आसानी से डाउनलोड कर सकेंगे। इस ऐप को डाउनलोड करने का ऑप्‍शन अंतिम रखें क्‍योंकि इसमें दूसरे ऐप्‍स के मुकाबले थोड़ी कम कमाई होती है।

गूगल्‍स ऑपिनियन रिवॉर्ड ऐप - गूगल्‍स ऑपिनियन रिवॉर्ड तरीका – सर्वे कर कमाएं प्‍वाइंट्स अगर आप गूगल प्‍लेस्‍टोर से पेड ऐप्‍स और म्‍यूजिक को फ्री में डाउनलोड करना चाहते हैं, तो गूगल्‍स ऑपिनियन रिवॉर्ड ऐप को डाउनलोड करें। यह ऐप आपको कैश तो नहीं देती, लेकिन इससे आप गूगल प्‍ले रिवॉर्ड प्‍वाइंट्स कमा सकते हैं। इन प्‍वाइंट्स के जरिए गूगल के प्‍लैटफॉर्म्‍स से ऐप्‍स, मूवीज, म्‍यूजिक, बुक्‍स व अन्‍य चीजें फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। कमाई के लिए हर हर हफ्ते आपको 20 से 30 सर्वे कंप्‍लीट करने होते हैं। इन्‍हें कंप्‍लीट कर आप 50 से 200 रुपए तक कमा सकते हैं।

Wednesday, 14 December 2016

आधुनिक कीटनाशक

कोई विदेशी कंपनी हमको टेक्नोलॉजी देने नहीं आ रही है और वह कभी आएंगे भी नहीं क्योंकि जो उनके पास लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है उसको ला कर हमको कभी भी नहीं देंगे. हां एक चीज में ध्यान में रखनी है कि कोई भी विदेशी कंपनी भारत को आकर अगर टेक्नोलॉजी देगी तो उनकी 20 साल पुरानी टेक्नोलॉजी हम को देगी जो उनके देश में बेकार हो चुकी है जिसका वो इस्तेमाल नहीं करते हैं जो उनके लिए फेंकने लायक है डंप करने लायक है. वही टेक्नोलॉजी वो हमको देंगे वह कोई लेटेस्ट टेक्नोलॉजी हमको लाकर नहीं देने वाले. अब उदाहरण से बताता हूं अमेरिका की बहुत सारी कंपनियां भारत में एक टेक्नोलॉजी लाई है जो अमेरिका में पिछले 20 साल से बंद हो चुकी है वो टेक्नोलॉजी कीटनाशक बनाने वाली टेक्नोलॉजी, पेस्टिसाइड बनाने वाली टेक्नोलॉजी, इंसेक्टिसाइड बनाने वाली टेक्नोलॉजी. नाम ले कर बताता हूं जो कीटनाशक अमेरिका में पिछले 20 साल पहले बंद हो चुके हैं जिसको बनना और बिकना और उनके कारखाने बेकार हो गए. वो टेक्नोलॉजी भारत आ रही है. मै आपको एक बहुत रोचक जानकारी बताता हूं यह जो कीटनाशक बनाने वाले कारखाने होते हैं, और रासायनिक खाद बनाने वाले कारखाने होते हैं, यूरिया, डीएपी, सुपर फास्फेट, एंडोसल्फान, मैलाथियान, पैराथियान, बेंजीन हेक्सा क्लोराइड, क्लोरोपायरीफॉस, मोनो क्रोटोफोस, डाई क्रोटोफोस. यह सारे जहरीले रसायन बनाने वाले जो कारखाने अमेरिका ओर यूरोप में1939 में जब दूसरा विश्वयुद्ध शुरु हुआ था तब लगाए गए थे. विडियो में देखिए कैसे ये हमारे शरीर पर प्रभाव डालती है >> यूरोप और अमेरिका में 1939 से 1945 के बीच में यह सारे कीटनाशक और जहरीले रसायन बनाने वाले कारखाने लगे क्योंकि उस समय बम बनाने में इन सभी जहरीले रसायनों का इस्तेमाल होता था और यह आप आप जानते हैं कि दूसरे विश्वयुद्ध में लाखों करोड़ों रुपए के बम बिके हैं, हथियार बीके हैं, और उन हथियारों और बम के कारण 2 करोड़ से ज्यादा लोग मरे हैं. बाद में क्या हुआ दूसरा विश्व युद्ध खत्म हो गया रासायनिक हथियार बिकना बंद हो गए, बम बिकना बंद हो गए. तो बम को बनाने वाला जो कच्चा माल होता था रॉ मैटेरियल वो बिकना बंद हो गया. उसके बाद इन सब देशों ने क्या रास्ता निकाला कि जो कच्चा माल है उनके पास रॉ मटेरियल है वह दूसरे देशों में बेचा जाए और दूसरे देशों में उसकी खपत कराई जाए तो दूसरे देशों में उस कच्चे माल को भेजने के लिए रासायनिक खाद और कीटनाशक बना लिए और धीरे धीरे अपने देश से उन्होंने अपने देश से सारा उत्पादन बंद कर दिया आज से 20 साल पहले अमेरिका ने रासयनिक खाद और कीटनाशक के जो जो कारखाने बंद किये वह सारे के सारी टेक्नोलॉजी उन्होंने भारत को उठा कर देदी और हमने वो खरीद ली जो जहर बनाने वाले कारखाने हैं. अब बेंजीन हेक्सा क्लोराइड यहां बनता है, डी डी टी यहां बनता है, क्लोरोपायरीफॉस यहां बनता है, मोनोक्रोटोफॉस बनता है, डाई क्रोटोफोस बनता है. ऐसे 56 से ज्यादा जहरीले रसायन है जो अमेरिका और यूरोप में बनना बंद हो चुके हैं लेकिन वह भारत में बनते है यहां पर उनका माल बिकता है बेचे जाते हैं किसानों को फसा-फसा कर खेतों में उनको डलवाया जाता है यह टेक्नोलॉजी विदेशों ने हमको दी है और टेक्नोलॉजी का जानते हैं साइड इफेक्ट कितना है एक ही घटना सुनाता हूं आप उसे अंदाजा लगाइए 1984 में अमेरिका की एक कंपनी ने अमेरिका से अपना कारखाना उठाकर भारत में लगाया उस कंपनी का नाम था यूनियन कार्बाइड और वह कारखाना भोपाल में लगा, बहुत घनी बस्ती के बीच में जवाहर नगर में लगा . उस कारखाने में उन्होंने एक जहरीला सामान बनाना शुरु किया जिसका नाम था 777 . एक कीटनाशक वो बनाते थे उसमे जहरीले रसायन और गैसों का इस्तेमाल करते थे और एक दिन वह जहरीली गैस का सिलेंडर फट गया उसमें से हजारों टन जहरीली गैस निकली और भोपाल में 17000 लोग एक ही रात में तड़प तड़प कर मर गए और एक लाख से ज्यादा लोग जिंदगी भर के लिए विकलांग हो गए. किसी के फेफड़े गल गए, किसी की किडनी खराब हो गई, किसी का लिवर चला गया, किसी की आंखें चली गई, किसी की सुनने की शक्ति चली गई, किसी की प्रो क्रिएशन की ताकत खत्म हो गई, ऐसी विकलांगता में एक लाख से ज्यादा लोग और आने वाली पीढ़ियों पर उसका असर है क्योंकि अभी तक भोपाल में बच्चे पैदा होते हैं वो इस दुर्घटना के बाद विकलांग पैदा होते हैं जबकि इस घटना को 25 साल से ज्यादा गुजर गए है. अमेरिका से हमारे देश में यह टेक्नोलॉजी आई उनके यहां काम में नहीं आती रिजेक्ट हो गयी थी. वो टेक्नोलॉजी लाकर उन्होंने भारत में स्थापित की और इतनी बड़ी दुर्घटना हुई. मुझे दुःख और अफसोस इस बात का है कि यूनियन कार्बाइड का जो एक कारखाना भोपाल में था जिससे इतनी बड़ी दुर्घटना हुई ऐसे 56 से ज्यादा कारखाने भारत में अलग-अलग स्थानों पर लगे हुए हैं अमेरिका और यूरोप के देशों की लाई हुई रद्दी से रद्दी तकनीकी उसने इस्तेमाल की जा रही है और जहर का उत्पादन किया जा रहा है. और जहर भारतीय किसानों को बेचा जा रहा है किसान उसको खेत में डाल रहे हैं खेत में से वह गेहूं चावल चना दाल में आ रहा है फिर वह हमारे शरीर में आ रहा है फिर उसको खाकर हमारे शरीर में बीसियों किस्म की बीमारियां हो रही हैं इतनी रद्दी और घटिया टेक्नोलॉजी यूरोप और अमेरिका से हमारे देश में आती है. यह हमें ध्यान देना चाहिए कि वह हाई टेक्नोलॉजी हमको नहीं देते जो टेक्नोलॉजी उनके यहां बिल्कुल काम की नहीं है कबाड़ की है उसको उठाकर भारत को बेच देते हैं

Monday, 12 December 2016

जल्दी बाडी बनाने के तरीके

हर कोई अच्छी बॉडी बनाने के लिए सोचता ] है तो चलिए जानते है कैसे आप भी बना सकते है मुश्किले इन सिंपल तरीके से .आज के date में सभी लड़को को body बनाने का जूनून सवार रहता है । body को बनाने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते है कभी वे अपने body को बनाने के लिए gym जाते है तो कभी खाने पीने में ज्यादा जोर डालते है। body बनाने के लिए आपको ज्यादा hard work करने की अव्यश्कता नहीं है । आप अपने body को कुछ घरेलु तरीके से भी बना सकते है । बॉडी बनाने के घरेलु तरीके / Tips to Build Body Hum sabhi jante hai ki bina mehnat ke kuch bhi nahi milta hai aur same thing body banane mein bhi lagu hota hai. Agar aap apna body build karna chahate hai to niche diye gaye tarike ko apnkar accha body bana sakte hain. Dhayan rahe ki body 1 week ya 20 din mein nahi banta hai. Haan agar aap 3 se 4 hours gym mein spend karenge to aapko 30 days mein kuch body ban jayega. Laykin best tarike body banane ka yahi tarika hai ki aap 2 hours gym mein spend kare aur apne diet par control rakhe aur aapka body pura 2 se 3 months mein shpa mein aa jayega: 1.Fat वाले खाना ज्यादा खाएं Body बनाने का सबसे सरल उपाय यह है की आप अपने eating habit पर ज्यादा ध्यान दें। कोशिश करे ज्यादा से ज्यादा ऐसे आहार लेने की जिसमे fat या calories की मात्रा ज्यादा हो जैसे की घी, मक्खन, जैतून का तेल में बना खाना आदि । ज्यादातर मामलो में पाया गया है की body में weight या फैट नहीं होने के कारण body जल्दी नहीं बन पाती है | इसलिए अपने diet में fat से भरा आहार add करे | 2.Go Gym आज के date में ज्यादातर शहरो में gym की सुविधाएँ उपलब्ध है इसलिए अगर आप अपना body बनाना चाहते है तो आप हर रोज एक time gym जाना start कर दें । gym में ट्रेनर द्वारा बताए गए exercise को अगर आप करते है तो आपका body बहुत जल्द बन सकता है । 3.अंडे खाएं / Eat Egg Egg भी आपके body को बनाने में काफी helpful होता है । egg में लगभग 84 से 85 प्रतिशत protien मौजूद होता है जो की हमारे body के लिए बहुत हीं beneficial है | अंडे में पाए जाने वाले प्रोटीन हमारे body muscles को grow और develop करने में मदद करते हैं | इसलिए अगर आप अपना body बनाना चाहते है तो आप एक दिन में कम से कम 3 से 4 boil egg खाना start कर दें । 4.चॉकलेट / Chocolate\ आपको जान कर हैरानी होगी की chocolate खाने से भी body बहुत जल्दी बनता है । चॉकलेट में काफी अच्छी मात्रा में calories होती है जो की workout के बाद body के लिए फायदेमंद होती है | अगर आप 90 minutes से 120 minute gym में exercise करते हैं तो हर एक दिन छोड़ कर चॉकलेट खाने से आपके body में जरुरत के अनुसार calories मिल जाती है और body जल्द बनती है । 5.केले का शेक (banana shake) केले में vitamins अधिक quantity में पाई जाती है जो की body के immunity को increase करने में help करता है। इसमें मौजूद vitamin B6 body के blood circulation को बढ़ता है। इसलिए अगर आप अपना body बनाना चाहते है तो आप daily banana shake पीना start कर दें ये आपको energy प्रदान करके body बनाने में help करेगा । 6.व्यायाम करें / Freehand Exercise वैसे तो हमने आपको बताया है की आप gym जा कर अपना body बना सकते है लेकिन अगर आपके घर के पास gym ना हो तो आप अपने घर पर भी exercise कर सकते है। हर रोज सुबह सूरज निकलते हीं आप अपने घर के छत पर 10 से 15 मिनट तक freehand exercise करे ताकि आपकी body warm-up हो जाये । उसके बाद सबसे पहले 10 push-up करे और इसे total 3 से 4 बार दोहराए | अब 2 minute rest ले और फिर Chin-up करे. वैसे देखा जाये तो Chinup एक काफी tough exercise है और सायद आप पहले week में एक बार में केवल मुस्किल से 1 से ले kar 5 बार ही कर पाये | पर धीरे धीरे और continuous करने से आप 10 बार आराम से chinup कर पाएंगे | Yah Chinup exercise na kewal aapke body ko banane mein madadgar hai balki aapki stamina ko increase karne mein bhi madad karta hai. 7.Dumbbell से Exercise कैसे करे आप चाहे chest या bicep या solder बनाना चाहते हैं, Dumbbell एक ऐसा tool है जिससे आप हर तरह के exercise कर सकते हैं | आप अपने घर पर हीं 1 pairDumbbell को खरीद कर ले आयें या फिर किसी वजनदार चीज को हीं Dumbbell बना कर उससे सुबह शाम 45 minute से ले कर 60 minute तक exercise करे। इससे exercise करने से आपका biceps बढ़ेगा और कुछ हीं दिनों में (30 days से ले कर 60 days) आपका अच्छा खासा body बन जायेगा । 8.Push-ups करें जब कभी भी आप व्यायाम करने जा रहे हो तो आप उससे पहले push-ups जरुर कर लें इससे आपके muscles मजबूत व tight हो जायेंगे, खास कर के arms, back, shoulder और bicep के । हो सकता है starting में आपको push-ups करने में थोड़ी कठिनाई हो आप एक बार में 4 से 5 बार हीं push-ups कर सकें लेकिन धीरे धीरे आप लम्बे समय तक (30 से 50) push-ups कर लेंगे। regular व्यायाम के पहले और बाद में 5 से 10 minute तक push-ups करने से chest और body दोनों बनते है । 9.Skipping करें:- हर रोज सुबह शाम 10 से 15 minute तक skipping(रस्सी कूदना) करने से दोनों पैर मजबूत होते है और साथ हीं body भी बनता है । 10.Cycling करें Regular morning में कुछ kilometer तक cycling करें ये भी आपके body को shape रखने में काफी मदद करता है | इसके अलावे cycle चलने से आपके जांघ मजबूत होंगे |

Saturday, 10 December 2016

आरबीआई और नोटबंदी

आरबीआई ने नोटबंदी के प्रभाव को अपने नीतिगत निर्णयों के मामले में ज़रा सा भी महत्व न देने का फैसला किया है। नोटबंदी के बाद बैंकों में साढ़े ग्यारह लाख करोड़ नगद जमा हो चुके हैं, लेकिन उम्मीद के विपरीत आरबीआई ने रेपो रेट ( समय-समय पर बैंकों की ज़रूरत के अनुसार उन्हें आरबीआई से दी जाने वाली राशि पर ब्याज की दर) और रिवर्स रेपो रेट ( ज़रूरत पड़ने पर बैंकों से आरबीआई द्वारा अल्पावधि के लिये ली जाने वाली राशि पर ब्याज की दर) में कोई परिवर्तन नहीं करने का निर्णय लिया है। अर्थात, आरबीआई का यह साफ़ अनुमान है कि आज बैंकों के पास जो इतना रुपया इकट्ठा हो रहा है, वह एक नितांत सामयिक मामला है। इसीलिये नोटबंदी से बैंकों में लाई गई राशि से आरबीआई अपनी नीति में किसी प्रकार के दीर्घकालीन प्रभाव के परिवर्तन करने के पक्ष में नहीं है। बैंकों में नगदी की भरमार की सामयिक समस्या से निपटने की सारी ज़िम्मेदारी उसने बैंकों के ही सिर पर मढ़ दी है। अब ब्याज की दरों को गिराने अथवा बढ़ाने से जुड़ा सारा जोखिम सभी बैंकों को खुद पर लेना होगा। इसमें आरबीआई की उनको कोई मदद नहीं मिलेगी। आरबीआई ने अभी बिना किसी ब्याज पर बैंकों को उसके पास सीआरआर (कैश रिज़र्व रेशियो) के तौर पर सौ फ़ीसदी राशि जमा करा देने की सुविधा जरूर मुहैय्या कराई है। सुनने में आया था कि आरबीआई ने सरकार को बाज़ार को स्थिर करने के लिये बाज़ार से तीन-चार लाख करोड़ रुपये उठाने की योजना लागू करने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन ऐसी किसी भी मार्केट स्टैबिलाइजेशन स्कीम को लाने के लिये सरकार को संसद की मंज़ूरी की ज़रूरत पड़ेगी। जब मोदी जी खुद इस संसद नामक जगह से भाग रहे हैं, आयकर विधेयक का काँटा अभी अटका हुआ ही है, तब एक और ऐसी वित्तीय स्कीम के लिये संसद में जाने की हिम्मत जुटाना इस सरकार के वश में नहीं है। आरबीआई ने इतना जरूर स्वीकारा है कि नोटबंदी का विकास की गति पर धक्का लगा है, इसकी दर में तेज़ी से गिरावट आयेगी। लेकिन इससे मुद्रा-स्फीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसके बारे में उसका कोई आकलन नहीं है। इसीलिये आज के समय में वह अपनी बैंकिंग नीतियों के मामले नोटबंदी के विषय को पूरी तरह से दरकिनार करके चलने में ही अपनी बुद्धिमत्ता मान रही है। नोटबंदी के महीने भर बाद आरबीआई का यह रुख़ मोदी सरकार के नोटबंदी के 'क्रांतिकारी' क़दम के मुँह पर एक बड़ा तमाचा है। सबको अब यही लग रहा है कि अंततोगत्वा यह क़दम भारत की जनता के जीवन में तबाही लाने वाला और एक विकासमान अर्थ-व्यवस्था में अंतर्घात करने वाला क़दम साबित होगा जिसके दुष्प्रभाव से कोई नहीं बचेगा, बैंक भी नहीं। यह भी कहा जा सकता है कि यह एक स्वेच्छाचारी शासक द्वारा अपनी प्रजा का उत्पीड़न करने का एक निष्ठुर खेल भर है।

Friday, 9 December 2016

नोटबंदी का प्रभाव

पीएम मोदी के नोट बैन के फैसले को 30 दिन हो गए। नोटबंदी का फैसला कालेधन पर लगाम कसने के उद्देश्य से लिया गया था। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो देशहित में लिया गया यह फैसला जनता पर नकारत्मक प्रभाव ही डालता नजर आ रहा है। जैसा कि संसद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था। भारत की कुल आधिकारिक जीडीपी 225 लाख करोड़ रुपये की है। एक अनुमान के मुताबिक इनमें से 75 लाख करोड़ रुपये काला धन और 150 लाख करोड़ रुपये सफेद धन है। देश में कुल कालेधन का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है, लेकिन एक आकलन के मुताबिक मौजूद काले धन का 8 फीसदी हिस्सा नकदी के रूप में है। यानी 75 लाख करोड़ का 8 फीसदी हिस्सा करीब 6 लाख करोड़ रुपये नकदी रूप में है। काला धन की रकम पर आर्थिक मामलों के जानकार भी अलग-अलग राय रखते हैं। उच्चतम न्यायालय में एक सरकारी वकील बता चुके हैं कि नोटबंदी के बाद उम्मीद है कि 5 लाख करोड़ रुपये अर्थव्यवस्था में वापस नहीं आएगा। इसके बाद से कई आर्थिक जानकार लगभग 6 लाख करोड़ रुपए के काले धन का अनुमान लगा रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था में बड़े नोटों की कुल कीमत 14.5 लाख करोड़ रुपये थी। लेकिन नोटबंदी के बाद यह प्रचलन से बाहर हो गए। इस नाते, आर्थिक विशेषज्ञों के अनसार 14.5 लाख करोड़ रुपये में से 6 लाख करोड़ रुपये जो काला धन है, उसे हटा दिया जाय तो शेष कुल 8.5 लाख करोड़ रुपये सफेद धन है। सरकार ने उम्मीद की थी कि बड़ी नोटों के रूप में जो कालाधन है, वह बैंकों में जमा नहीं होंगे। अगर बैंकों में 8.5 लाख करोड़ रुपये जमा होते हैं, तो सरकार दावा करेगी कि काला धन (6 लाख करोड़ रुपया) अर्थव्यवस्था से बाहर हो गया लेकिन अगर कुल 14. 5 लाख करोड़ रुपये बैंकों में वापस जमा हो जाते हैं, तो कहा जा सकता है कि सरकार इस मुद्दे पर फेल रही है। आर्थिक जानकार मानते हैं कि अगर सरकारी दावे को मान भी लेते हैं तो इस नोटबंदी से सिर्फ 6 लाख करोड़ रुपये सरकारी खजाने में आएंगे। इस मामले में सेन्टर फॉर मॉनिटरिंग द इंडियन इकॉनोमी (सीएमआईई) के मुताबिक 30 दिसंबर 2016 तक नोटबंदी अभियान के तहत होने वाला कुल खर्च 1.28 लाख करोड़ रुपए है, जो जीडीपी का 0.9 फीसदी होता है। इस रकम का बोझ देश के हर पुरुष, महिला और बच्चे पर करीब 1000 रुपये आता है। सीएमआईई ने इसे कंजरवेटिव एस्टीमेट ही बताया है। इसका सही आकलन वित्त वर्ष खए अंत तक ही हो पाएगा। सीएमआईई के अनुसार वर्ष 2016-17 और 2017-18 की जीडीपी में गिरावट आएगी। हालांकि जीडीपी में कितनी गिरावट आएगी, इस पर भी अलग-अलग (0.5 फीसदी से लेकर 3 फीसदी तक) अनुमान लगाया जा रहा है। रिजर्व बैंक ने 7 दिसंबर, 2016 को कहा था कि साल 2016-17 के दौरान जीडीपी में 0.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है। वित्त वर्ष में तीन महीने शेष होने के चलते कहा जा सकता है कि अगले वित्त वर्ष में करीब 2 फीसदी गिरावट हो सकती है। संसद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी यही कहा था। अगले वित्त वर्ष की जीडीपी में दो फीसदी गिरावट का मतलब 3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान। यानी अगले साल तक नोटबंदी से देश को कुल 4.3 लाख करोड़ (1.3 लाख करोड़ और 3 लाख करोड़) रुपये हो सकता है। 7 दिसंबर, 2016 को रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के बयान के मुताबिक, बैंकों में अब तक 11.5 लाख करोड़ रुपये वापस आ चुके हैं। सिर्फ 3 लाख करोड़ रुपये बचे हैं और अभी 22 दिन बाकी हैं। ऐसे में अभी और पैसे बैंकों में जमा होगा। अगर सभी पैसे बैंकों में वापस जमा हो जाते हैं जैसा कि केन्द्रीय राजस्व सचिव हंसमुख अधिया कह चुके हैं, तब देशवासियों पर बिना कारण ही नोटबंदी के फैसले से 4.3 लाख करोड़ रुपये का बोझ पडेगा और यह आम जनता को बोझ टैक्स के रूप में उठाना पडेगा।

Tuesday, 29 November 2016

टीस

मेरे जहन में रुकी रही यादें तेरी,
जब तक इस जिस्म में जान थी।
दर दर पर दुआ मांगी तेरे वास्ते,
पर करू क्या किस्मत मेरी खुदा से अनजान थी।
अरे अब तो टूटी दीवारे ही रह गई है इस मक़ान मे,
कोई क्या जाने कभी छत भी इसकी शान थी।
कभी फक्र किया करता था मेरी मोहब्बत और महबूबा पर,
क्या पता की ये महबूबा दो दिन की मेहमान थी।
यु तो मेने सब कुछ लुटा दिया था उस हुस्न मलिका पर , पर में करता क्या उसकी तो बेवफाई से पहचान थी।
यु तो हम उम्र भर जीते रहे इमान के साथ,
पर क्या पता हमें की ये दुनिया ही बईमान थी ।
यारो अपने अंदाज़ में हमने ज़िन्दगी जी ली पर भूल गए की आखिरी मंजिल तो शमशान थी।
अब तो बेचैनी की बू आती है, इस फिजा से,
हमें क्या पता की वो अपने कद्रदानो से ही परेशान थी।

Friday, 25 November 2016

नोटबंदी

आज 15 दिन बीत जाने के बाद मेरे दिमाग में बहुत सारे सवाल उभर आये हैं

1- क्या इससे अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हो पाएगी
2- क्या आतंकवादियों के पास से नये नोट मिलना यह
साबित नहीं करता कि उन्होंने नया रास्ता अख्तियार
कर लिया है
3- क्या इससे नकली नोटों की समस्या खत्म हो जाएगी नये नोटों को देखकर ऐसा लगता है कि अब पाकिस्तान के साथ साथ भारत में भी लोग इसे बनाने लगेंगे 
4- क्या 1000 के नोट को बंद कर 2000 के नोट को चालू कर देने से भ्रष्टाचार खत्म हो गया है
5- क्या इससे नक्सलवाद खत्म हो जाएगा ऐसा तो नहीं लगता क्योंकि जो लोग नक्सलवाद चलाने के लिए पैसा देते हैं या डर के मारे पैसा देते है वही लोग उनके पैसो को नए नोटों में तब्दील कर देंगे ऐसा इसलिए है कि जो लोग जान के लिए पैसा दे सकते हैं वह उसी जान के लिए उस पैसे को बदल सकते हैं
सरकार ने यह फैसला बहुत ही हड़बड़ी में लिया है ऐसा ही प्रतीत होता है नहीं तो लोगों को इतनी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।

सरकार कह रही है कि सभी लोगों को कैशलेस करना है यह भारत देश की 133 करोड़ आबादी को देखकर असंभव प्रतीत होता है क्योंकि भारत के शहरों की साछरता दर 100% नहीं है तो गांवों की बात ही छोड़ दीजिए
सरकार को करना है तो
1- शराब तम्बाकू बंद करे
2- पूरे देश में एक समान शिक्षा व्यवस्था लागू करे सारे बोर्डों को भंग कर CBSE में बदल दिया जाए जिससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को भी आगे बढ़ने का मौका मिले प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाया जाए
लोगों को शिक्षित करके ही समाज की सारी बुराइयों को दूर किया जा सकता है
3- चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए कम्पनियों की सभी दवाइयों के मुल्य का निर्धारण किया जाए
उनको एक निश्चित फायदे की अनुमति दी जाए
सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा को बढाया जाए प्राइवेट डाक्टरों की लूटमार पर अंकुश लगाया जाए
4- आरछण को बन्द किया जाए
5- टेक्स में छुट को बन्द कर दिया जाए
6- टेक्स नियमों को इतना आसान बनाइए कि लोगों को टेक्स चुराने के बजाय देना आसान लगे आखिर नियम आसान होगें तभी तो सरकारी कर्मचारी लोगों को डरा नहीं पायेंगे और भ्रष्टाचार रुकेगा

आज तक अमेरिका ऐसा देश भी कैशलेस नहीं हो पाया है

Friday, 14 October 2016

आलोचना

एक नगर में एक मशहूर चित्रकार रहता था । चित्रकार ने एक बहुत सुन्दर तस्वीर बनाई और उसे नगर के चौराहे मे लगा दिया और नीचे लिख दिया कि जिस किसी को , जहाँ भी इस में कमी नजर आये वह वहाँ निशान लगा दे । जब उसने शाम को तस्वीर देखी उसकी पूरी तस्वीर पर निशानों से ख़राब हो चुकी थी । यह देख वह बहुत #दुखी हुआ । उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे वह दुःखी बैठा हुआ था । तभी उसका एक मित्र वहाँ से गुजरा उसने उस के दुःखी होने का कारण पूछा तो उसने उसे पूरी घटना बताई । उसने कहा एक काम करो कल दूसरी तस्वीर बनाना और उस मे लिखना कि जिस किसी को इस तस्वीर मे जहाँ कहीं भी कोई कमी नजर आये उसे सही कर दे । उसने अगले दिन यही किया । शाम को जब उसने अपनी तस्वीर देखी तो उसने देखा की तस्वीर पर किसी ने कुछ नहीं किया । वह संसार की # रीति समझ गया । "कमी निकालना , निंदा करना , बुराई करना आसान लेकिन उन कमियों को दूर करना अत्यंत कठिन होता ह This is life........ जब दुनिया यह कह्ती है कि ‘हार मान लो’ तो आशा धीरे से कान में कह्ती है कि.,,,, ‘एक बार फिर प्रयास करो Life is very beautiful !!!

Thursday, 13 October 2016

बीता हुआ कल

बुद्ध भगवान एक गाँव में उपदेश दे रहे थे. उन्होंने कहा कि “हर किसी को धरती माता की तरह सहनशील तथा क्षमाशील होना चाहिए. क्रोध ऐसी आग है जिसमें क्रोध करनेवाला दूसरोँ को जलाएगा तथा खुद भी जल जाएगा.” सभा में सभी शान्ति से बुद्ध की वाणी सून रहे थे, लेकिन वहाँ स्वभाव से ही अतिक्रोधी एक ऐसा व्यक्ति भी बैठा हुआ था जिसे ये सारी बातें बेतुकी लग रही थी . वह कुछ देर ये सब सुनता रहा फिर अचानक ही आग- बबूला होकर बोलने लगा, “तुम पाखंडी हो. बड़ी-बड़ी बाते करना यही तुम्हारा काम. है। तुम लोगों को भ्रमित कर रहे हो. तुम्हारी ये बातें आज के समय में कोई मायने नहीं रखतीं “ ऐसे कई कटु वचनों सुनकर भी बुद्ध शांत रहे. अपनी बातोँ से ना तो वह दुखी हुए, ना ही कोई प्रतिक्रिया की ; यह देखकर वह व्यक्ति और भी क्रोधित हो गया और उसने बुद्ध के मुंह पर थूक कर वहाँ से चला गया। अगले दिन जब उस व्यक्ति का क्रोध शांत हुआ तो उसे अपने बुरे व्यवहार के कारण पछतावे की आग में जलने लगा और वह उन्हें ढूंढते हुए उसी स्थान पर पहुंचा , पर बुद्ध कहाँ मिलते वह तो अपने शिष्यों के साथ पास वाले एक अन्य गाँव निकल चुके थे . व्यक्ति ने बुद्ध के बारे में लोगों से पुछा और ढूंढते- ढूंढते जहाँ बुद्ध प्रवचन दे रहे थे वहाँ पहुँच गया। उन्हें देखते ही वह उनके चरणो में गिर पड़ा और बोला , “मुझे क्षमा कीजिए प्रभु !” बुद्ध ने पूछा : कौन हो भाई ? तुम्हे क्या हुआ है ? क्यों क्षमा मांग रहे हो ?” उसने कहा : “क्या आप भूल गए। .. मै वही हूँ जिसने कल आपके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया था. मै शर्मिन्दा हूँ. मै मेरे दुष्ट आचरण की क्षमायाचना करने आया हूँ.” भगवान बुद्ध ने प्रेमपूर्वक कहा : “बीता हुआ कल तो मैं वहीँ छोड़कर आया गया और तुम अभी भी वहीँ अटके हुए हो. तुम्हे अपनी गलती का आभास हो गया , तुमने पश्चाताप कर लिया ; तुम निर्मल हो चुके हो ; अब तुम आज में प्रवेश करो. बुरी बाते तथा बुरी घटनाएँ याद करते रहने से वर्तमान और भविष्य दोनों बिगड़ते जाते है. बीते हुए कल के कारण आज को मत बिगाड़ो.” उस व्यक्ति का सारा बोझ उतर गया. उसने भगवान बुद्ध के चरणों में पड़कर क्रोध त्यागका तथा क्षमाशीलता का संकल्प लिया; बुद्ध ने उसके मस्तिष्क पर आशीष का हाथ रखा. उस दिन से उसमें परिवर्तन आ गया, और उसके जीवन में सत्य, प्रेम व करुणा की धारा बहने लगी. मित्रों , बहुत बार हम भूत में की गयी किसी गलती के बारे में सोच कर बार-बार दुखी होते और खुद को कोसते हैं। हमें ऐसा कभी नहीं करना चाहिए, गलती का बोध हो जाने पर हमे उसे कभी ना दोहराने का संकल्प लेना चाहिए और एक नयी ऊर्जा के साथ वर्तमान को सुदृढ़ बनाना चाहिए।

Friday, 7 October 2016

आम का पेड़

एक छोटे बालक को आम का पेड बहोत पसंद था। जब भी फुर्सत मिलती वो तुरंत आम के पेड के पास पहुंच जाता। पेड के उपर चढना, आम खाना और खेलते हुए थक जाने पर आम की छाया मे ही सो जाना। बालक और उस पेड के बीच एक अनोखा संबंध बंध गया था। * बच्चा जैसे जैसे बडा होता गया वैसे वैसे उसने पेड के पास आना कम कर दिया। कुछ समय बाद तो बिल्कुल ही बंद हो गया। आम का पेड उस बालक को याद करके अकेला रोता रहता। एक दिन अचानक पेड ने उस बच्चे को अपनी और आते देखा। आम का पेड खुश हो गया। * बालक जैसे ही पास आया तुरंत पेड ने कहा, "तु कहां चला गया था? मै रोज़ तुम्हे याद किया करता था। चलो आज दोनो खेलते है।" बच्चा अब बडा हो चुका था, उसने आम के पेड से कहा, अब मेरी खेलने की उम्र नही है। मुझे पढना है, पर मेरे पास फी भरने के लिए पैसे नही है।" पेड ने कहा, "तु मेरे आम लेकर बाजार मे जा और बेच दे, इससे जो पैसे मिले अपनी फीस भर देना।" * उस बच्चे ने आम के पेड से सारे आम उतार लिए, पेड़ ने भी ख़ुशी ख़ुशी दे दिए,और वो बालक उन सब आमो को लेकर वहा से चला गया। * उसके बाद फिर कभी वो दिखाई नही दिया। आम का पेड उसकी राह देखता रहता। एक दिन अचानक फिर वो आया और कहा, अब मुझे नौकरी मिल गई है, मेरी शादी हो चुकी है, मेरा संसार तो चल रहा है पर मुझे मेरा अपना घर बनाना है इसके लिए मेरे पास अब पैसे नही है।" * आम के पेड ने कहा, " तू चिंता मत कर अभी में हूँ न, तुम मेरी सभी डाली को काट कर ले जा, उसमे से अपना घर बना ले।" उस जवान ने पेड की सभी डाली काट ली और ले के चला गया। * आम का पेड के पास कुछ नहीं था वो अब बिल्कुल बंजर हो गया था। कोई उसके सामने भी नही देखता था। पेड ने भी अब वो बालक/ जवान उसके पास फिर आयेगा यह आशा छोड दी थी। * फिर एक दिन एक वृद्ध वहां आया। उसने आम के पेड से कहा, तुमने मुझे नही पहचाना, पर मै वही बालक हूं जो बारबार आपके पास आता और आप उसे हमेशा अपने टुकड़े काटकर भी मेरी मदद करते थे।" आम के पेड ने दु:ख के साथ कहा, "पर बेटा मेरे पास अब ऐसा कुछ भी नही जो मै तुझे दे सकु।" वृद्ध ने आंखो मे आंसु के साथ कहा, "आज मै कुछ लेने नही आया हूं, आज तो मुझे तुम्हारे साथ जी भरके खेलना है, तुम्हारी गोद मे सर रखकर सो जाना है।" * ईतना कहते वो रोते रोते आम के पेड से लिपट गया और आम के पेड की सुखी हुई डाली फिर से अंकुरित हो उठी। * वो वृक्ष हमारे माता-पिता समान है, जब छोटे थे उनके साथ खेलना अच्छा लगता था। जैसे जैसे बडे होते गये उनसे दुर होते गये।पास तब आये जब जब कोई जरूरत पडी, कोई समस्या खडी हुई। आज भी वे माँ बाप उस बंजर पेड की तरह अपने बच्चों की राह देख रहे है। आओ हम जाके उनको लिपटे उनके गले लग जाये जिससे उनकी वृद्धावस्था फिर से अंकुरित हो जाये। यह कहानी पढ कर थोडा सा भी किसी को एहसास हुआ हो और अगर अपने माता-पिता से थोडा भी प्यार करते हो तो... माँ बाप आपको सिर्फ प्यार प्यार प्यार देंगे..