आज 15 दिन बीत जाने के बाद मेरे दिमाग में बहुत सारे सवाल उभर आये हैं
1- क्या इससे अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हो पाएगी
2- क्या आतंकवादियों के पास से नये नोट मिलना यह
साबित नहीं करता कि उन्होंने नया रास्ता अख्तियार
कर लिया है
3- क्या इससे नकली नोटों की समस्या खत्म हो जाएगी नये नोटों को देखकर ऐसा लगता है कि अब पाकिस्तान के साथ साथ भारत में भी लोग इसे बनाने लगेंगे
4- क्या 1000 के नोट को बंद कर 2000 के नोट को चालू कर देने से भ्रष्टाचार खत्म हो गया है
5- क्या इससे नक्सलवाद खत्म हो जाएगा ऐसा तो नहीं लगता क्योंकि जो लोग नक्सलवाद चलाने के लिए पैसा देते हैं या डर के मारे पैसा देते है वही लोग उनके पैसो को नए नोटों में तब्दील कर देंगे ऐसा इसलिए है कि जो लोग जान के लिए पैसा दे सकते हैं वह उसी जान के लिए उस पैसे को बदल सकते हैं
सरकार ने यह फैसला बहुत ही हड़बड़ी में लिया है ऐसा ही प्रतीत होता है नहीं तो लोगों को इतनी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
सरकार कह रही है कि सभी लोगों को कैशलेस करना है यह भारत देश की 133 करोड़ आबादी को देखकर असंभव प्रतीत होता है क्योंकि भारत के शहरों की साछरता दर 100% नहीं है तो गांवों की बात ही छोड़ दीजिए
सरकार को करना है तो
1- शराब तम्बाकू बंद करे
2- पूरे देश में एक समान शिक्षा व्यवस्था लागू करे सारे बोर्डों को भंग कर CBSE में बदल दिया जाए जिससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को भी आगे बढ़ने का मौका मिले प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाया जाए
लोगों को शिक्षित करके ही समाज की सारी बुराइयों को दूर किया जा सकता है
3- चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए कम्पनियों की सभी दवाइयों के मुल्य का निर्धारण किया जाए
उनको एक निश्चित फायदे की अनुमति दी जाए
सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा को बढाया जाए प्राइवेट डाक्टरों की लूटमार पर अंकुश लगाया जाए
4- आरछण को बन्द किया जाए
5- टेक्स में छुट को बन्द कर दिया जाए
6- टेक्स नियमों को इतना आसान बनाइए कि लोगों को टेक्स चुराने के बजाय देना आसान लगे आखिर नियम आसान होगें तभी तो सरकारी कर्मचारी लोगों को डरा नहीं पायेंगे और भ्रष्टाचार रुकेगा
आज तक अमेरिका ऐसा देश भी कैशलेस नहीं हो पाया है
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