BEST MOTIVATION TREATMENT
Don’t cry over the past, it’s gone. Don’t stress about the future, it hasn’t arrived. Live in the present and make it beautiful.. बीते समय के लिए मत रोइए, वो चला गया, और भविष्य की चिंता करना छोड़ो क्यूंकि वो अभी आया ही नहीं है, वर्तमान में जियो , इसे सुन्दर बनाओ...
Saturday, 25 February 2017
Tuesday, 31 January 2017
इन 6 ट्रिक्स को अपनाएंगे तो बिना दवा के भी ब्लड प्रेशर रहेगा काबू में
ब्लड प्रेशर आजकल शहरी जीवन में एक बेहद आम समस्या बन गई है। हाई ब्लड प्रेशर हो या लो ब्लड प्रेशर दोनों ही स्थितियां आपके सामान्य जीवन को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिससे आप बिना कोई दवा खाए अपने ब्लड प्रेशर की समस्या को काबू में कर सकते हैं…
1. रोज़ 7 घंटे सोना है ज़रूरी: रिसर्च में ये सामने आया है कि जो लोग 5 घंटे या उससे कम सोते हैं उनमें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बेहद आमतौर पर पाई जाती है। ये आदत न सिर्फ ब्लड प्रेशर बल्कि हाइपर टेंशन का भी कारण बनती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे लोग अगर रोज़ 7 घंटे की नींद लेने लगे तो इस समस्या पर काबू पाने में मदद मिल सकती है।
2. नमक कम खाएं: नमक आपके शरीर में ज्यादा पानी बनाए रखने में मददगार साबित होता है। शरीर में जब पानी की मात्रा ज्यादा होती है तो ये ब्लड प्रेशर बढ़ाने का काम करती है। जो लोग ब्लड प्रेशर के पहले से मरीज़ है अगर वो ज्यादा नमक का इस्तेमाल करते हैं तो उनमें कार्डियोव्स्क्युलर बीमारियों का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को नॉन वेज भी संभल कर खाना चाहिए क्योंकि उसमें सामान् से ज्यादा नमक पाया जाता है।
3. हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट एक्सरसाइज़ ज़रूरी: वैसे तो वर्कआउट करना आपको ज्यादातर बीमारियों से दूर रखता है लेकिन ब्लड प्रेशर के मामले में तो ये और भी ज़रूरी हो जाता है। ब्लड प्रेशर की समस्या से दूर रहने के लिए आपको हर हफ्ते करीब 150 मिनट वर्कआउट करने में खर्च करने चाहिए। रेग्युलर एरोबिक आपके ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है और आपको दवाओं से भी दूर कर देता है।
4. रोजाना 10 मिनट मेडिटेशन: स्ट्रेस में मानव शरीर में एड्रेलिन नाम का एक हारमोन निकलता है जो कि हार्टबीट और ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का कम करता है। इसलिए स्ट्रेस भी ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करता है ऐसे में स्ट्रेस से दूर रहकर ब्लड प्रेशर से भी छुटकारा मिल जाता है। मेडिटेशन स्ट्रेस से छुटकारा पाने का सबसे बेहतर तरीका हो सकता है। रिसर्च में सामने आया है कि दिन में सिर्फ 10 मिनट मेडिटेशन आपको ब्लड प्रेशर की समस्या से दूर रखता है।
5. सब्जियां और फल खाएं: रिसर्च में ये सामने आया है कि आपकी थाली में सब्जियां और फल जितने ज्यादा होते हैं ब्लड प्रेशर की समस्या आपसे उतनी ही दूर रहती है। हापरटेंशन के मरीजों के लिए भी फ्रूट्स का इस्तेमाल करना बेहद फायदेमंद साबित होता है। ये आपके ब्लड को सामान्य रखने में मदद करता है। ये शरीर में विटामिन और पोटेशियम जैसे तत्वों को कम नहीं होने देते।
6. वज़न को कंट्रोल में रखें: ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के लिए आपको अपने वज़न को भी कंट्रोल में रखना पड़ता है। जैसे-जैसे आपका वज़न बढ़ता है आपके दिल को ब्लड पंप करने में मुश्किल पेश आने लगती है। इसका सीधा नतीजा ब्लड प्रेशर के रूप में सामने आता है। आपकी लंबाई के मुताबिक आपको अपना वज़न मेंटेन करना चाहिये।
Wednesday, 25 January 2017
फिटकरी 20 से अधिक बीमारियों को जड़ से ख़त्म कर देती है , जानिए कैसे
फिटकरी लाल व सफ़ेद दो प्रकार की होती है | अधिकतर सफ़ेद फिटकरी का प्रयोग ही किया जाता है | यह संकोचक अर्थात सिकुड़न पैदा करने वाली होती है | फिटकरी में और भी बहुत गुण होते हैं | फिटकरी एक प्रकार का खनिज है जो प्राकृतिक रूप में पत्थर की शक्ल में मिलता है। इस पत्थर को एल्युनाइट कहते हैं। इससे परिष्कृत फिटकरी तैयार की जाती है। नमक की तरह है, पर यह सेंधा नमक की तरह चट्टानों से मिलती है। यह एक रंगहीन क्रिस्टलीय पदार्थ है। इसका रासायनिक नाम है पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट। संसार को इसका ज्ञान तकरीबन पाँच सौ से ज्यादा वर्षों से है। इसे एलम भी कहते हैं। पोटाश एलम का इस्तेमाल रक्त में थक्का बनाने के लिए किया जाता है। इसीलिए दाढ़ी बनाने के बाद इसे चेहरे पर रगड़ते हैं ताकि छिले-कटे भाग ठीक हो जाएं। इसमें बहुत सारे औषधीय गुण हैं
आइए जानते हैं इनके बारे में –
पायरिया, मसूढ़ों में दर्द, सूजन, रक्त आना : एक भाग नमक, दो भाग फिटकरी बारीक पीसकर मसूढ़ों पर प्रतिदिन तीन बार लगायें। फिर एक गिलास गर्म पानी में पांच ग्राम फिटकरी डालकर हिलाकर कुल्ले करें। इससे मसूढ़े व दांत मजबूत होंगे। इससे रक्त आना और मवाद का आना बंद हो जाएगा।
दांतों का दर्द : भुनी फिटकरी, सरसों का तेल, सेंधानमक, नौसादर, सांभर नमक 10-10 ग्राम तथा तूतिया 6 ग्राम को मिलाकर बारीक पीसकर कपड़े से छान लें। इससे दांतों को मलने से दांतों का दर्द, हिलना, टीस मारना, मसूढ़ों का फूलना, मसूढ़ों से पीव का निकलना तथा पायरिया रोग ठीक होता है। Fitkari को बारीक पीसकर पॉउडर बना लें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से दांतों का दर्द जल्द ठीक होता है। Fitkari को गर्म पानी में घोलकर लगातार कुल्ला करने से दांत में हो रहे तेज दर्द से जल्द आराम मिलता है। भुनी फिटकरी 1 ग्राम, कत्था 1.5 ग्राम तथा भुना तूतिया 240 मिलीग्राम इन सबको बारीक पीस छानकर मंजन की तरह बना लें। इसे प्रतिदिन सुबह-शाम इस मंजन से दांतों को मलें। इससे दांत मजबूत होते हैं। दांत में छेद हो, दर्द हो तो Fitkari रूई में रखकर छेद में दबा दें और लार टपकाएं दांत दर्द ठीक हो जाएगा।
खूनी बवासीर : खूनी बवासीर हो और गुदा बाहर आती हो तो फिटकरी को पानी में घोलकर गुदा में पिचकारी देने से लाभ प्राप्त होता है। एक गिलास पानी में आधा चम्मच पिसी हुई फिटकरी मिलाकर प्रतिदिन गुदा को धोयें तथा साफ कपड़े को फिटकरी के पानी में भिगोकर गुदे पर रखें। 10 ग्राम फिटकरी को बारीक पीसकर इसके चूर्ण को 20 ग्राम मक्खन के साथ मिलाकर बवासीर के मस्सों पर लगाने से मस्से सूखकर गिर जाते हैं। फिटकरी को पानी में घोलकर उस पानी से गुदा को धोने खूनी बवासीर में लाभ होता है। भूनी फिटकरी और नीलाथोथा 10-10 ग्राम को पीसकर 80 ग्राम गाय के घी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम बवासीर के मस्सों पर लगायें। इससे मस्से सूखकर गिर जाते हैं। सफेद फिटकरी 1 ग्राम की मात्रा में लेकर दही की मलाई के साथ 5 से 7 सप्ताह खाने से रक्तार्श (खूनी बवासीर) में खून का अधिक गिरना कम हो जाता है। भूनी फिटकरी 10 ग्राम, रसोत 10 ग्राम और 20 ग्राम गेरू को पीस-कूट व छान लें। इसे लगभग 3-3 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से खूनी तथा बादी बवासीर में लाभ मिलता है।
घाव : फिटकरी को तवे पर डालकर गर्म करके राख बना लें। इसे पीसकर घावों पर बुरकाएं इससे घाव ठीक हो जाएंगे। घावों को फिटकरी के घोल से धोएं व साफ करें। 2 ग्राम भुनी हुई फिटकरी, 2 ग्राम सिन्दूर और 4 ग्राम मुर्दासंग लेकर चूर्ण बना लें। 120 मिलीग्राम मोम और 30 ग्राम घी को मिलाकर धीमी आग पर पका लें। फिर नीचे उतारकर उसमें अन्य वस्तुओं का पिसा हुआ चूर्ण अच्छी तरह से मिला लें। इस तैयार मलहम को घाव पर लगाने से सभी प्रकार के घाव ठीक हो जाते हैं। फिटकरी, सज्जीक्षार और मदार का दूध इन सबको मिलाकर और पीसकर लेप बना लें। इस लेप को घाव पर लगाने से जलन और दर्द दूर होता है। भुनी हुई फिटकरी को छानकर घाव पर छिड़कने से घाव से सड़ा हुआ मांस बाहर निकल आता है और दर्द में आराम रहता है। आग से जलने के कारण उत्पन्न हुए घाव को ठीक करने के लिए पुरानी फिटकरी को पीसकर दही में मिलाकर लेप करना चाहिए। 5 ग्राम फूली फिटकिरी का चूर्ण बनाकर देशी घी में मिला दें, फिर उसे घाव पर लगायें। इससे घाव ठीक हो जाता है।
किसी भी अंग से खून बहना : एक ग्राम फिटकरी पीसकर 125 ग्राम दही और 250 मिलीलीटर पानी मिलाकर लस्सी बनाकर पीने से कहीं से भी रक्तस्राव हो, बंद हो जाता है।
नकसीर (नाक से खून बहना) : गाय के कच्चे दूध में फिटकरी घोलकर सूंघने से नकसीर (नाक से खून आना) ठीक हो जाती है। यदि नकसीर बंद न हो तो फिटकरी को पानी में घोलकर उसमें कपड़ा भिगोकर मस्तक पर रखते हैं। 5-10 मिनट में रक्तबंद हो जाएगा। चौथाई चाय की चम्मच फिटकरी पानी में घोलकर प्रतिदिन तीन बार पीना चाहिए।अगर नाक से लगातार खून बह रहा हो तो 30 ग्राम फिटकरी को 100 मिलीलीटर पानी में मिलाकर उस पानी में कोई कपड़ा भिगोकर माथे और नाक पर रखने से नाक से खून बहना रुक जाता है। गाय के कच्चे दूध के अन्दर फिटकरी को मिलाकर सूंघने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
मुंह का लिबलिबापन : काला नमक और फिटकरी समान मात्रा में मिलाकर पीसकर इसके पाउडर से मंजन करने से दांतों और मुंह का लिबलिबापन दूर हो जाता है।
आंखों में दर्द : एक ग्राम फिटकरी, 40 ग्राम गुलाब जल में भिगोकर शीशी में भर लें। इसकी दो-दो बूंद आंखों में प्रतिदिन डालें। इससे आंखों का दर्द, कीचड़ तथा लाली आदि दूर जाएगी। रात को सोते समय आंखों में डालने से तरावट रहती है। इसे रोजाना डाल सकते हैं।
उंगुलियों की सूजन : पानी में ज्यादा काम करने से जाड़ों में उंगुलियों में सूजन या खाज हो जाए तो पानी में फिटकरी उबालकर इससे उंगुलियों को धोने से लाभ होता है।
टांसिल का बढ़ना : टांसिल के बढ़ने पर गर्म पानी में चुटकी भर फिटकरी और इतनी ही मात्रा में नमक डालकर गरारे करें। गर्म पानी में नमक या फिटकरी मिलाकर उस पानी को मुंह के अन्दर डालकर और सिर ऊंचा करके गरारे करने से गले की कुटकुटाहट, टान्सिल (गले में गांठ), कौआ बढ़ना, आदि रोगों में लाभ होता है। 5 ग्राम फिटकरी और 5 ग्राम नीलेथोथे को अच्छी तरह से पकाकर इसके अन्दर 25 ग्राम ग्लिसरीन मिलाकर रख लें। फिर साफ रूई और फुहेरी बनाकर इसे गले के अन्दर लगाने और लार टपकाने से टांसिलों की सूजन समाप्त हो जाती है।
मलेरिया बुखार : एक ग्राम फिटकरी, दो ग्राम चीनी में मिलाकर मलेरिया बुखार आने से पहले दो-दो घंटे से दो बार दें। मलेरिया नहीं आएगा और आएगा तो भी कम। फिर जब दूसरी बार भी मलेरिया आने वाला हो तब इसी प्रकार से दे देते हैं। इस प्रयोग के दौरान रोगी को कब्ज नहीं होनी चाहिए। यदि कब्ज हो तो पहले कब्ज को दूर करें। लगभग 1 ग्राम फिटकरी को फूले बताशे में डालकर उसे बुखार आने से 2 घंटे पहले रोगी को खिलाने से बुखार कम चढ़ता है। लगभग 1 ग्राम फिटकरी में 2 ग्राम चीनी मिलाकर मलेरिया बुखार आने से पहले 2-2 घण्टे के अंतराल में 2-2 बार दें। इससे मलेरिया बुखार कम होकर उतर जाता है। फूली हुई फिटकरी के चूर्ण में 4 गुना पिसी हुई चीनी अच्छी तरह मिला लें। इसे 2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ 2-2 घंटे के अंतर पर 3 बार लें। इससे मलेरिया बुखार में लाभ होता है।
दस्त और पेचिश : फिटकरी 20 ग्राम और अफीम 3 ग्राम को पीसकर मिला लें। सुबह-शाम इस चूर्ण को दाल के बराबर पानी के साथ रोगी को पिलाएं इससे दस्तों में लाभ होगा। फिर तीन घंटे बाद ईसबगोल की भूसी के साथ दें तो पेचिश बंद हो जाएगी और खून का आना भी बंद हो जाएगा। 120 मिलीग्राम फिटकरी को जलाकर शहद के साथ एक दिन में 4 बार पीने से खूनी दस्त और पतले दस्त का आना बंद हो जाता है। खाने में साबूदाने की खीर या जौ का दलिया लें। 1 ग्राम फिटकरी को 1 कप छाछ के साथ एक दिन में 3 बार पीने से गर्मी के कारण आने वाले खूनी दस्तों में लाभ मिलता है। 20 ग्राम फिटकरी और 3 ग्राम अफीम को मिलाकर पीसकर चूर्ण बनाकर रख दें, फिर इस बने चूर्ण को थोड़े से पानी के साथ पीने से दस्त में लाभ मिलता है। फिटकरी को भूनकर लगभग 2 ग्राम बेल के रस में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। भुनी हुई फिटकरी को गुलाब के जल के साथ मिलाकर पीने से खूनी दस्त आना बंद हो जाता है। आंतरिक चोट : चार ग्राम फिटकरी को पीसकर आधा किलो गाय के दूध में मिलाकर पिलाने से लाभ प्राप्त होता है।
सूजाक : सूजाक में पेशाब करते समय जलन होती है। इसमें पेशाब बूंद-बूंद करके बहुत कष्ट से आता है। इतना अधिक कष्ट होता है कि रोगी मरना पसन्द करता है। इसमें 6 ग्राम पिसी हुई फिटकरी एक गिलास पानी में घोलकर पिलाएं। कुछ दिन पिलाने से सूजाक ठीक हो जाता है। साफ पानी में पांच प्रतिशत फिटकिरी का घोल बनाकर लिंग धोना चाहिए। फिटकरी, पीला गेरू, नीलाथोथा, हराकसीस, सेंधानमक, लोध्र, रसौत, हरताल, मैनसिल, रेणुका और इलायची इन्हें बराबर लेकर बारीक कूट पीस छान लें। इस चूर्ण को शहद में मिलाकर लेप करने से उपदंश के घाव ठीक हो जाते हैं।
घावों में रक्तस्राव (घाव से खून बहना) : घाव ताजा हो, चोट, खरोंच लगकर घाव हो गया हो, उससे रक्तस्राव हो। ऐसे घाव को फिटकरी के पानी से धोएं तथा घाव पर फिटकरी को पीसकर इसका पावडर छिड़कने, लगाने व बुरकने से रक्तस्राव (खून का बहना) बंद हो जाता है। शरीर में कहीं से भी खून बह रहा हो तो एक ग्राम फिटकरी पीसकर 125 ग्राम दही और 250 मिलीलीटर पानी मिलाकर लस्सी बनाकर सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता है।
सूखी खांसी : लगभग 10 ग्राम भुनी हुई हुई फिटकरी तथा 100 ग्राम चीनी को बारीक पीसकर आपस में मिला लें और बराबर मात्रा में चौदह पुड़िया बना लेते हैं। सूखी खांसी में एक पुड़िया रोजाना 125 मिलीलीटर गर्म दूध के साथ सोते समय लेना चाहिए। इससे सूखी में बहुत लाभ मिलता है। गीली खांसी : 10 ग्राम भुनी हुई फिटकरी और 100 ग्राम चीनी को बारीक पीसकर आपस में मिला लें और बराबर मात्रा में 14 पुड़िया बना लें। सूखी खांसी में 125 ग्राम गर्म दूध के साथ एक पुड़िया प्रतिदिन सोते समय लेना चाहिए तथा गीली खांसी में 125 मिलीलीटर गर्म पानी के साथ एक पुड़िया रोजाना लेने से गीली खांसी लाभ होता है। फिटकरी को पीसकर लोहे की कड़ाही में या तवे पर रखकर भून लें। इससे फिटकरी फूलकर शुद्ध हो जाती है। इस भुनी हुई फिटकरी का कई रोगों में सफलतापूर्वक बिना किसी हानि के उपयोग किया जाता है। इससे पुरानी से पुरानी खांसी दो सप्ताह के अन्दर ही नष्ट हो जाती है। साधारण दमा भी दूर हो जाता है। गर्मियों की खांसी के लिए यह बहुत ही लाभकारी है। श्वास, दमा आधा ग्राम पिसी हुई फिटकरी शहद में मिलाकर चाटने से दमा, खांसी में आराम आता है। एक चम्मच पिसी हुई फिटकरी आधा कप गुलाब जल में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से दमा ठीक हो जाता है। एक गांठ सोंठ, सफेद फिटकरी का फूला दो ग्राम, हल्दी एक गांठ, 5 कालीमिर्च को चीनी में मिलाकर खाने से श्वास और खांसी दूर हो जाती है। बारहसिंगा की भस्म 2 ग्राम, भुनी हुई फिटकरी एक ग्राम, मिश्री 3 ग्राम मिलाकर पानी से सुबह के समय पांच दिनों तक लगातार सेवन करना चाहिए। इससे श्वास रोग नष्ट हो जाता है। आग पर फुलाई हुई फिटकरी 20 ग्राम तथा मिश्री 20 ग्राम इन दोनों को पीसकर रख लें। इस चूर्ण को 1 या 2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह के समय सेवन करने से श्वास रोग नष्ट हो जाता है। फूली हुई फिटकरी 120 मिलीग्राम की मात्रा में मुंह में डाल लें और चूसते रहें। इससे न कफ बनता है और न ही दमा रोग होता है। फूली हुई फिटकरी और मिश्री 10-10 ग्राम पीसकर रख लेते हैं। इसे दिन में एक-दो बार डेढ़ ग्राम की फंकी ताजा पानी के साथ लेना चाहिए। इससे पुराना दमा भी ठीक हो जाता है। दूध, घी, मक्खन, तेल, खटाई, तेज मिर्च मसालों से परहेज रखना चाहिए। मक्खन निकला हुआ मट्ठा तथा सब्जियों के सूप (रस) आदि लेना चाहिए। पिसी हुई फिटकरी एक चम्मच, आधा कप गुलाबजल में मिलाकर सुबह-शाम पीने से दमा ठीक हो जाता है।
बांझपन : मासिक-धर्म ठीक होने पर भी यदि सन्तान न होती हो तो रूई के फाये में फिटकरी लपेटकर पानी में भिगोकर रात को सोते समय योनि में रखें। सुबह निकालने पर रूई में दूध की खुर्चन सी जमा होगी। फोया तब तक रखें, जब तक खुर्चन आती रहे। जब खुर्चन आना बंद हो जाए तो समझना चाहिए कि बांझपन रोग समाप्त हो गया है।
योनि संकोचन : बांझपन की तरह योनि में रूई का फाया रखें तथा Fitkari पानी में घोलकर योनि को दिन में तीन बार धोएं। इससे योनि सिकुड़कर सख्त हो जाएगी और योनि का ढीलापन समाप्त हो जाएगा।फिटकरी 30 ग्राम और 10 ग्राम माजूफल को लेकर अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें, फिर इस चूर्ण को मलमल के कपड़े में डालकर पोटली बनाकर सोने से पहले रात को योनि में रखने से योनि का ढीलापन दूर होकर सिकुड़ जाती है। 2 ग्राम फिटकरी को 80 मिलीलीटर पानी में घोलकर योनि को धोने से योनि की आकृति कम यानी योनि सिकुड़ने लगती है।
Tuesday, 24 January 2017
Tuesday, 3 January 2017
जींस धोने के तरीके
जींस तो हम सभी पहनते हैं। चाहे लड़के हों या लड़कियां जींस तो सभी को पहनना आरामदायक लगता है। यदि आप सोचते हैं कि जींस को बड़े प्यार से रगड़-रगड़ के धुलने से और प्रेस करने से इसकी लाइफ बढ़ेगी तो आप गलत सोचते हैं।
एक्सपर्ट्स की माने तो नई इसे कम से कम 6 महीने तक नहीं धेना चाहिए। जल्दी–जल्दी धुलने से जींस का मटीरियल खराब हो जाता है। और इसका रंग भी कच्चा हो जाता है। इसे धुलने से पानी की भी बहुत बर्बादी होती है। जींस धुलने के टिप्स अब आप सोच रहे होंगे कि यदि जींस गंदी हो जाए तो इसे कैसे साफ करें
आइए जानते हैं इसे साफ करने के ऐसे तरीके कि इसको नहीं होगा नुकसान।
फ्रीजर में रखें अगर आपकी जींस से बदबू नहीं जा रही है तो उसे कुछ देर के लिए फ्रीजर में रख दें। ऐसा करने से बदबू तो चली ही जाएगी, साथ ही उसमें मौजूद बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाएंगे। इसको अच्छी तरह तह करके एयर टाइट प्लास्टिक बैग में रखें। इस बैग को फ्रीजर में रख दें। इसके अलावा हाई टेंपरेचर पर रखकर भी आप जींस की बदबू को आसानी से दूर कर सकते हैं।
मशीन का कम से कम करें इस्तेमाल जींस को मशीन में धुलने से इसके रेशे घिसते हैं और कठोर भी होते हैं। इसे बाल्टी में कुछ देर के लिए भिगो कर रख और हाथ से ही धुलने की आदत डालें। जेंटल मोड पर धुलें अगर मशीन में जींस धुलते भी हैं तो इसे जेंटल मोड पर ही धुलें। इससे रंग फीका नहीं पड़ेगा। मगर कभी जींस को ड्रायर न करे ऐसा करने से जींस का मटीरियल खराब होता है। थ्री राउंड टेकनीक अपनाएं पहले जींस को डिजर्जेंट में 10-15 मिनट के लिए भिगो दें और बाद में इसे साफ पानी से 2-3 बार धो लें। इसके बाद आप इसपर फैबरिक साफफ्टनर लगाएं।
कौन सा डिजर्जेंट करें इस्तेमाल हलके डिजर्जेंट में ही धोए तथा इसे धोने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का प्रयोग न करें। ऐसे डिटर्जेंट से जींस न धोएं जिसमें अधिक मात्रा में कास्टिक सोडा हो। कैसे धोएं जींस जीन्स को धोने के लिए हमेशा ठंडे पानी का ही प्रयोग करें।
गर्म पानी में जीन्स को धोने से इसका कलर निकल जाता है। तथा कपड़ा भी सिकुड़ जाता है। जीन्स को कभी ब्रश से घिसकर नहीं धोना चाहिए।
जींस को हमेशा उल्टा करके ही धुलें। दूसरे कपड़ो के साथ कभी न धेएं। किससे धुलें जींस सफेद रंग की जींस बहुत जल्दी गंदी होती है इसे साफ करने के लिए सिरका, अमोनिया और बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करें। इन तीनों को मिलाकर इस पानी में करीब 15 मिनट के लिए जीन्स को भोगो दे। ऐसा करने से जींस आसानी से साफ हो जाएगी।
गलती से भी प्रेस न करें प्रेस करने से जींस खराब हो जाती है। आप एयर ड्रायर का प्रयोग कर सकते हैं। टैग पर लिखी बातों का ध्यान रखें जब आप नई जींस खरीदते हैं तो उसपे ढेर सारी बातें लिखी होती हैं। क्या करना चाहिए और क्या नहीं। हमेशा उसे फॉलो करें।
Monday, 2 January 2017
जिम एक्सरसाइज से जुडी कुछ गलत धारणाये, इन्हें दूर करके ही आप पा सकते है एक स्वस्थ शरीर
आज के दौर में लोग अपने शरीर को फिट रखना पसंद करते है खासतौर पर यूथ। युवा वर्ग अपने शरीर को फिट रखने के लिए कई प्रकार के प्रयोग करता है जैसे जिम करना, स्वीमिंग करना आदि। वैसे, कई लोग बेहतरीन शरीर और डील-डौल के लिए रोज जिम जाते हैं, कसरत करते है, घंटो पसीना बहाते हैं, लेकिन इस वर्कआउट को लेकर लोगों के मन में कई गलतफहमियां और धारणाएं बनी हुई हैं। कई मिथ तो ऐसी भी है, जो एकाध नहीं, बल्कि सभी के मन में घर कर जाते हैंं
आइए जाने हैं ऐसे ही कुछ मिथ के बारे में
पसीने से आपकी कैलरी बर्न होती है
वर्कआउट या एक लंबी दौड़ के बाद पसीन से लथपथ होने का यह मतलब कतई नहीं कि आपने एक्सट्रा कैलरी को बर्न किया है। पसीने का वजन घटाने से कोई लेना-देना नहीं है। पसीना शरीर से गर्मी निकालने की एक प्रक्रिया है। सिर्फ पसीना आने का मतलब ये नहीं कि आपके शरीर से चर्बी या फैट कम हो रही है।
शानदार एब्स के लिए क्रंचेज़ सबसे फायदेमंद
बेशक क्रंचेस से आपके एब्डोमन की मसल्स को काफी फायदा होता है लेकिन इसके जरिए आप पेट के उभार को कम नही कर सकते। पतले शरीर के साथ ही आप पतली कमर प्राप्त कर सकते हैं। मतलब ये अच्छे एब्स के लिए शरीर घटाना जरूरी है। एब्स सभी के पास होते हैं, लेकिन सबसे जरूरी है, शरीर के उस भाग से फैट घटाना।
दौड़ना घुटनों के लिए नुकसानदायक
हालांकि दौड़ने से होने वाली अधिकतर इंजरी घुटनों पर असर डालती हैं, लेकिन दौड़ने से घुटनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। हैरानी की बात तो यह है कि दौड़ने से घुटनों को मजबूती मिलती है। यही कारण है कि कई डॉक्टर आपको जॉगिंग की सलाह देते हैं। यदि अगली बार आप दौड़ें, तो समझ लीजिए की आपके घुटने सुरक्षित हैं।
40 के पार आप मसल्स नहीं बना सकते
आधे लोग तो ये मानते हैं कि मसल्स जवान लड़कों के लिए ही है। और आधे लोग ये सोचते हैं कि अब शरीर में ज्यादा बदलाव आएगा नहीं, तो मसल्स पाना असंभव है। बात दरअसल ये है कि उम्र का असर शरीर पर दिखता तो हैए लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आपके शरीर का विकास रुक जाता है। यदि आप नियमित कसरत करते हैंए तो आप 40 के बाद भी अच्छी शेप वाली बॉडी बना सकते हैं।
वर्जिश से आप मर्दाना दिख सकती हैं
वजन वाली एक्सर्साइज को लेकर लड़कियों में एक गलत धारण है कि इससे वो मर्दाना दिख सकती हैं। महिलाओं की मसल्स पुरूषों से अलग होती हैं। हार्मोंस के कारणए एक्सर्साइज से उनके शारीरिक परिवर्तन और पुरूषों के शारीरिक परिवर्तन बहुत अलग होते हैं। कसरत से आपको सडौल शरीर मिलता है लेकिन यह बात बिलकुल गलत है की जिम से लड़कियां मर्दाना दिख सकती है। 30 की उम्र के बाद वजन बढ़ता है हार्मोंस की धीमी रफ्तार और कम शारीरिक गतिविधियों के कारण ही आपका मैटाबोलिज़्म धीमा पड़ता है। लेकिन इससे आप अस्वस्थ और कमजोर नहीं होते। 30 के बाद भी सही पोषण और अच्छी कसरत के साथ अच्छे स्वास्थ्य के अलावा शानदार शरीर भी पा सकते हैं। लेकिन एक सुस्त शरीर समय के साथ आपको कमजोर बना सकता है।
योग से आपका वजन घटता है
योग के कई फायदे है, लेकिन इससे आपका वजन कम नहीं होगा। आप योग से सामान्य वर्कआउट के जितनी कैलरी बर्न नहीं कर सकते। योग से आप चुस्ती, संतुलन, ताकत और मजबूती पाते हैं। साथ ही यह आपके हृदय को भी सुरक्षित रखता है। लेकिन योग से वजन नहीं घटता।
ऐरोबिक्स आपके मैटाबोलिज़्म को बढ़ाता है
यह बात पूरी तरह से एक मिथक है। ऐरोबिक्स से आपके मैटोबोलिज्म को उतना बढ़ावा नहीं मिलता, जितना आप सोचते हैं। ऐरोबिक्स से आप केवल 20 अतिरिक्त कैलरी बर्न करते हैं, जो शायद ही फैट में गिना जाए।
स्विमिंग वजन घटाने के लिए बेहतरीन कसरत है
स्विमिंग से आपके फेंफड़ों को बेहद फायदा मिलता है। इससे आपकी मसल्स टोन होती हैं, लेकिन आपका वजन कम नहीं होता। क्योंकि तैरने के दौरान आपके शरीर की भाप नहीं निकल पाती। हालांकि स्विमिंग एक बेहतरीन टोनिंग और रिलेक्सिंग एक्सरसाइज़ है।
नो पेन, नो गेन भी है एक मिथक
शरीर में दर्द कैमिकल रिएक्शन की वजह से होता है। ज्यादा कसरत करने से आपके शरीर में लेक्टिक एसिड बन जाता है। जिस तरह ज्यादा खाने की वजह से ऐसा नहीं होता कि आपका पेट दो समय के लिए भर जाए, उसी प्रकार ज्यादा वजन उठाकर दर्द सहने से आप मसल्स बना लेंगे, यह एक भ्रम है। मसल्स बनाने के लिए मशीन सुरक्षित हैं देखने में लगता है कि यदि आप मशीन से कसरत करते है, तो पूरी तरह सही है। लेकिन ऐसा होता नहीं है। मशीन से एक्सरसाइज़ करने का भी एक सही तरीका होता है। मशीन का डिजाइन आपकी सहायता के लिए होता है लेकिन बॉडी पोजीशन उससे ज्यादा जरूरी है। मशीन पर गलत तरीके से एक्सरसाइज़ करने के अंजाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं।